वाराणसी। विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष बिहारी लाल यादव के नेतृत्व में आज सपा का एक प्रतिनिधि मण्डल ज्ञानदीप इंग्लिश स्कूल के बारहवीं के छात्र हेमंत सिंह के घरवालों से मुलाकात की। मुलाकात के बाद सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए नेता प्रतिपक्ष बिहारी लाल यादव ने कहा कि छात्र हेमंत के हत्यारों को कड़ी से कड़ी सा मिले। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष बिहारी लाल यादव ने बताया कि पुलिस किस तरफ से कैलाश चंद्र वर्मा के परिवार के लोगों के ऊपर दो लड़कों को मुल्जिम न बनाने का दबाव बनाया जा रहा है। यह काम सीओ की तरफ से किया जा रहा है।
नेता प्रतिपक्ष बिहारी लाल यादव ने आगे कहा कि पीड़ित परिवार को न्याय मिले यही हमारी मांग है। जो भी लोग इस घटना में शामिल हैं और अभी तक वे खुले में घूम रहे हैं जिला प्रशासन उनके खिलाफ भी कार्रवाई करे जिससे पीड़ित परिवार को न्याय मिले।
मामले को लेकर हेमंत के पिता अधिवक्ता कैलाश चंद्र वर्मा की तहरीर पर शिवपुर थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपियों में स्कूल का असिस्टेंट डायरेक्टर रवि सिंह और हेमंत के दोस्त शशांक व किशन का नाम शामिल है। पुलिस ने आरोपी रवि सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। वह स्कूल प्रबंधक का बेटा है।
इससे पहले अपना दल (कमेरावादी) की नेता और सिराथू विधायक पल्लवी पटेल की इसी मामले में वाराणसी पुलिस से झड़प हुई। पल्लवी, कार्यकर्ताओं के साथ प्रधानमंत्री संसदीय जनसंपर्क कार्यालय (पीएमओ) का घेराव करने निकली थीं। लेकिन भेलूपुर के आईपी मॉल के पास पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक दिया। गुस्से में पल्लवी ने डीसीपी और एसीपी से तीखी बहस की और कहा, मुझे उस पार जाना है, सामने से हटो! जब पुलिस ने रास्ता नहीं दिया, तो वे सड़क पर ही धरने पर बैठ गईं।
क्या है हेमंत हत्याकांड?
22 अप्रैल को वाराणसी के ज्ञानदीप स्कूल के प्रबंधक के बेटे यजुवेंद्र सिंह उर्फ रवि ने 12वीं के छात्र हेमंत पटेल की गोली मारकर हत्या कर दी थी। हेमंत का शव स्कूल डायरेक्टर के घर में बने एक कमरे से मिला। उस वक्त हेमंत के दो दोस्त, शशांक और किशन, मौके पर थे, जिन्होंने उसे अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों के मुताबिक, हेमंत की कनपटी पर गोली लगी थी, जो आर-पार हो गई। एफआईआर में रवि, शशांक और किशन का नाम दर्ज है, लेकिन पल्लवी का आरोप है कि स्कूल प्रबंधक को बचाने की कोशिश हो रही है, क्योंकि उसका सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी से कनेक्शन है।
पुलिस पर क्यों भड़कीं पल्लवी?
पल्लवी ने पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए। उनका कहना है कि एफआईआर दर्ज करने में देरी हुई और स्कूल प्रबंधक का नाम शामिल नहीं किया गया। इतना ही नहीं, जब आरोपी को थाने से जेल ले जाया गया, तो उसे वीआईपी ट्रीटमेंट दिया गया। इससे पीड़ित परिवार में भारी आक्रोश है। पल्लवी ने बताया कि हेमंत के परिजनों ने उनसे अपनी मांगें सरकार तक पहुंचाने की गुहार लगाई थी। इसी मकसद से वे पीएमओ कार्यालय जा रही थीं।
पल्लवी ने पुलिस की भूमिका को संदिग्ध बताते हुए कहा कि इस मामले में शुरू से लीपापोती हो रही है। एक विपक्षी नेता के तौर पर वे जनता की आवाज उठाने को अपनी जिम्मेदारी मानती हैं।
