राष्ट्रीय
सुप्रीम कोर्ट द्वारा नई शिक्षा नीति खारिज, अब वास्तविक विकल्प पर विचार का समय
रामदास प्रीनी शिवनंदन मई 2025 में तमिलनाडु, केरल और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को लागू करने की मांग करने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज किए जाने का स्वागत किया जाना चाहिए। सर्वोच्च न्यायालय ने यह कहा है कि वह राज्यों को नई शिक्षा नीति लागू करने के […]
राज्य
संत श्री गुरु गणेश दास जी महाराज का InCityInfo.com के मुख्यालय में हुआ स्वागत एवं सम्मान
इटावा के समाजसेवक धर्मवीर यादव और ज्ञानेंद्र यादव ज्ञानू को स्मृति चिन्ह देकर किया गया सम्मानित वाराणसी। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव के गुरु श्री गुरु गणेश दास जी महाराज आज InCityInfo.com वाराणसी स्थित मुख्यालय पहुंगे। इस दौरान कंपनी के सीओओ डॉ संजय कुमार सोनकर और सीईओ कुमार विजय ने बुके और स्मृति […]
वाराणसी : इग्नस पहल द्वारा ग्रामसभा सिसवा और शाहपुर में समर कैम्प का हुआ आयोजन
ग्रीष्मकालीन शिविर में बच्चे, युवा और बूढी महिलाओं ने चढ़बढ़कर लिया भाग। इग्नस पहल द्वारा ग्रामसभा सिसवा और शाहपुर में ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान तीन दिवसीय गतिविधि आधारित समर कैम्प का सफल आयोजन किया गया। इस शिविर का उद्देश्य बच्चों को सीखने से जोड़े रखना, रचनात्मकता को प्रोत्साहित करना, और अभिभावकों को बाल-केन्द्रित गतिविधियों से […]
हस्तक्षेप
सुप्रीम कोर्ट द्वारा नई शिक्षा नीति खारिज, अब वास्तविक विकल्प पर विचार का समय
रामदास प्रीनी शिवनंदन मई 2025 में तमिलनाडु, केरल और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को लागू करने की मांग करने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज किए जाने का स्वागत किया जाना चाहिए। सर्वोच्च न्यायालय ने यह कहा है कि वह राज्यों को नई शिक्षा नीति लागू करने के […]
आखिर क्यों जरूरी है संसद का विशेष सत्र ?
एम ए बेबी, अनुवाद : संजय पराते ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में ‘विराम’ के बाद सरकार द्वारा तथाकथित ‘राजनयिक पहुंच’ के तहत भेजे गए सभी सात संसदीय प्रतिनिधिमंडल वापस आ गए हैं। अपनी गंभीर आपत्तियों और सवालों के बावजूद, सीपीआई(एम) ने सरकार के अनुरोध को स्वीकार किया और इनमें से एक प्रतिनिधिमंडल में भाग भी लिया। सरकार […]
न घर-घर सिंदूर, न हर-हर मोदी!
राजेंद्र शर्मा इन विरोधियों को क्या कहें, बताइए खामखां में अच्छे-भले ‘‘घर-घर सिंदूर’’ प्रोग्राम में ही भांजी मार दी। घर-घर सिंदूर को लेकर ऐसी हाय-हाय मचायी, ऐसी हाय-हाय मचायी कि मोदी पार्टी को प्रोग्राम ही छोड़ना पड़ गया। प्रोग्राम छोड़ने तक बात रहती, तो फिर भी गनीमत थी। बेचारों को अपने ही प्रोग्राम को फेक […]
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साँचिया
साँचिया सिर्फ एक समाचार पोर्टल नहीं बल्कि एक ज़िम्मेदारी है – सच की ज़िम्मेदारी। जब मीडिया का बड़ा हिस्सा सत्ता के साथ खड़ा हो और मीडिया की बहसें मुद्दों से भटककर मनोरंजन में तब्दील हो रही हों तब साँचिया पूरी जिम्मेदारी से उस समाज की आवाज बनने का प्रयास कर रहा है जिसे आजादी के गलियारे में भी अपमान और वंचना का शिकार होना पड़ रहा है। तब साँचिया अपने पाठकों को उस सच्चाई से जोड़ता है जो अक्सर जानबूझकर छुपा ली जाती है।
हमारी पत्रकारिता का सरोकार उन आवाज़ों से है जिन्हें बार-बार अनसुना किया गया है। हमारी पत्रकारिता का सरोकार उन सपनों से है जो ग्रामीण भारत की धूल भरी सड़कों पर बिखरे हैं, जो किसान की सूनी आँखों में हैं, जो श्रमिक के पसीने में हैं, और जो उस आम नागरिक के सवालों में हैं, जिनका कोई जवाब नहीं देता।
हम मानते हैं कि सच्ची पत्रकारिता वही है जो सत्ता से सवाल करे, जो समाज के हर हिस्से को अपने हक की आवाज बुलंद करने का मंच बने और सच्चाई को विकृत करने के बजाय, उसे गंभीर सरोकार के साथ सामने लाए। आज जब मुख्यधारा की मीडिया के लिए “सच” एक उत्पाद बन गया है, तब साँचिया सच को आवाज़ देने का मंच बनना चाहता है।
आग्रह
अगर आप मानते हैं कि पत्रकारिता को जनता की आवाज़ बनना चाहिए,
अगर आप चाहते हैं कि मीडिया समाज के दबे-कुचले वर्गों का प्रतिनिधि बने,
तो “साँचिया” के साथ आइए।
साँचिया के साथ मिलकर एक ऐसी पत्रकारिता को मज़बूत कीजिए जो न सिर्फ खबर दिखाए, बल्कि सच कहे – बिना किसी डर या दबाव के।
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Wilfred Messner commented on वाराणसी के बड़ागांव में बच्चों को शिक्षा से जोड़ने की हुई पहल: Access ChatGPT, Claude, Gemini Pro , Kling AI, LLa