राष्ट्रीय
सेना की सुरक्षा और देश को दांव पर लगा रही है मोदी सरकार : जसविंदर सिंह
भोपाल। केंद्र में बैठी मोदी सरकार आरएसएस के हिंदुत्व के एजेंडे को देश पर जिस तरह से थोप रही है, उससे सेना की सुरक्षा और देश की एकता और अखंडता दोनों को दांव पर लगा रही है। यह आरोप माकपा के मध्यप्रदेश राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने आज यहां आयोजित एक पत्रकार वार्ता में लगाए। […]
राज्य
गाजीपुर : पूजा की तैयारी के दौरान हाइटेंशन तार की चपेट में आने से चार लोगों की मौत
जिले के मरदह क्षेत्र के नरवर गांव में बुधवार सुबह काशीदास बाबा की पूजा की तैयारी के दौरान बड़ा हादसा हो गया। पूजा स्थल पर मंडप बनाने के दौरान हरे बांस का ऊपरी हिस्सा बिजली की हाइटेंशन लाइन से छू गया, जिससे सात लोग करंट की चपेट में आ गए। हादसे में चार लोगों की […]
वाराणसी : सीवर के ओवर फ्लो होने से सड़क पर बह रहा गंदा पानी
धार्मिक महत्ता के पंचक्रोशी मार्ग गल्ला मंडी राजातालाब पर रानी बाजार की ओर जाने वाले मार्ग पर सीवरेज चैंबर ओवर फ्लो हाने से गंदा पानी सड़क पर फैल रहा है। यहां दिन में नो एंट्री के दौरान ओवरलोड वाहनों के आने से पैदा हुई इस समस्या के कारण अब सड़क पर गंदा पानी फैल रहा […]
हस्तक्षेप
आतंकवाद के खिलाफ एकता और भाजपा का पाखंड
राजेंद्र शर्मा विदेश सेवा के अधिकारियों के मुकाबले, इन सांसदों/ राजनीतिक नेताओं का वजन विदेशी मोर्चे पर भी इसीलिए अधिक माना जा रहा है कि वे अपनी राजनीतिक पार्टियों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो भारतीय जनता की राय का प्रतिनिधित्व करती हैं। लेेकिन, सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी की आंतरिक दिक्कतों का फायदा उठाने की कोशिश […]
ऑपरेशन सिंदूर की क़ीमत बनाम विधानसभा चुनाव
राजेंद्र शर्मा ये विपक्ष वाले जब राष्ट्रभक्ति ही नहीं समझते हैं, तो ऑपरेशन सिंदूर की कीमत क्या जानेंगे? वर्ना ऑपरेशन सिंदूर में अपने अर्णव गोस्वामियों, गौरव सामंतों, नाविका कुमारों, अंजना ओम कश्यपों, अशोक श्रीवास्तवों आदि, आदि के वीरतापूर्ण कारनामों के गुण गा रहे होते या नहीं! पर खुद गुण गाना तो छोड़िए, बेचारे मंत्री अश्विनी […]
मुस्लिम सेना अधिकारी महज सफल प्रतीक, इससे मुस्लिम समुदाय के प्रति सरकार की बेरूखी नहीं धुल जाएगी
अपूर्वानंद जिस समय दिल्ली में भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफ़िया क़ुरैशी दुनिया को बतला रही थीं कि भारत ने पाकिस्तान को 22 अप्रैल का जवाब दे दिया है, उसी समय भारत के एक कोने उरी में रहनेवाली फ़ातिमा पूछ रही थी कि वह अपने 3 बच्चों को लेकर कहां जाए? सोफ़िया क़ुरैशी मात्र एक […]
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साँचिया
साँचिया सिर्फ एक समाचार पोर्टल नहीं बल्कि एक ज़िम्मेदारी है – सच की ज़िम्मेदारी। जब मीडिया का बड़ा हिस्सा सत्ता के साथ खड़ा हो और मीडिया की बहसें मुद्दों से भटककर मनोरंजन में तब्दील हो रही हों तब साँचिया पूरी जिम्मेदारी से उस समाज की आवाज बनने का प्रयास कर रहा है जिसे आजादी के गलियारे में भी अपमान और वंचना का शिकार होना पड़ रहा है। तब साँचिया अपने पाठकों को उस सच्चाई से जोड़ता है जो अक्सर जानबूझकर छुपा ली जाती है।
हमारी पत्रकारिता का सरोकार उन आवाज़ों से है जिन्हें बार-बार अनसुना किया गया है। हमारी पत्रकारिता का सरोकार उन सपनों से है जो ग्रामीण भारत की धूल भरी सड़कों पर बिखरे हैं, जो किसान की सूनी आँखों में हैं, जो श्रमिक के पसीने में हैं, और जो उस आम नागरिक के सवालों में हैं, जिनका कोई जवाब नहीं देता।
हम मानते हैं कि सच्ची पत्रकारिता वही है जो सत्ता से सवाल करे, जो समाज के हर हिस्से को अपने हक की आवाज बुलंद करने का मंच बने और सच्चाई को विकृत करने के बजाय, उसे गंभीर सरोकार के साथ सामने लाए। आज जब मुख्यधारा की मीडिया के लिए “सच” एक उत्पाद बन गया है, तब साँचिया सच को आवाज़ देने का मंच बनना चाहता है।
आग्रह
अगर आप मानते हैं कि पत्रकारिता को जनता की आवाज़ बनना चाहिए,
अगर आप चाहते हैं कि मीडिया समाज के दबे-कुचले वर्गों का प्रतिनिधि बने,
तो “साँचिया” के साथ आइए।
साँचिया के साथ मिलकर एक ऐसी पत्रकारिता को मज़बूत कीजिए जो न सिर्फ खबर दिखाए, बल्कि सच कहे – बिना किसी डर या दबाव के।