राज्य

आजमगढ़ : खाद और बीज के लिए किसानों का चौथे दिन अनशन जारी

पवई। साधन सहकारी समिति प्रतापपुर के खाद वितरण केंद्र गद्दोपुर मिल्कीपुर पर किसानों का सत्याग्रह चौथे दिन जारी रहा।

आजमगढ़ : खाद से जूझ रहे किसानों का सत्याग्रह

पूर्वांचल किसान यूनियन की अगुवाई में गद्दोपुर मिल्कीपुर के क्षेत्रीय किसानों ने उर्वरक वितरण व्यवस्था में सुधार किए जाने की मांग को लेकर सत्याग्रह किया। सत्याग्रह में शामिल पूर्वांचल किसान यूनियन महासचिव वीरेंद्र यादव ने कहा कि जहां एक तरफ आलू, चना, सरसों, मटर, लहसुन आदि की बुवाई का समय समाप्त होने की तरफ है […]

हस्तक्षेप

अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे जस्टिस सूर्यकांत, केंद्रीय कानून मंत्रालय को बीआर गवई ने भेजा प्रस्ताव

सीजेआई गवई 23 नवंबर को पद से मुक्त हो रहे हैं। ऐसे में देखा जाय तो न्यायमूर्ति सूर्यकांत भारत के मुख्य न्यायाधीश के बाद सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं और भारतीय न्यायपालिका के प्रमुख बनने की कतार में सबसे आगे हैं। नियुक्ति के बाद, न्यायमूर्ति सूर्यकांत 24 नवंबर को अगले मुख्य न्यायाधीश बनेंगे और 9 फरवरी, […]

वाराणसी : बालिकाओं ने बाल विवाह के खिलाफ निकाली रैली

मिर्जामुराद। लोक समिति वाराणसी और आशा ट्रस्ट के संयुक्त तत्वाधान में सेवापुरी ब्लाक के करधना (भटपुरवां) गांव में बुधवार को बालिका महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सेवापुरी ब्लाक के दर्जनों गांव से सैकड़ों किशोरी लड़कियों ने भाग लिया। लड़कियों ने कन्या भ्रूण हत्या,यौन उत्पीड़न,दहेज़,बाल विवाह के खिलाफ गांव में जोरदार रैली निकाली। रैली […]

गुलशन यादव-सामजिक न्याय का सिपाही या इनामी बदमाश

गुलशन यादव को इनामी अपराधी घोषित किए जाने का फैसला प्रशासनिक कार्रवाई से ज़्यादा सत्ता और राजा भैया की साज़िश का नतीजा प्रतीत होता है, क्योंकि जिन परिस्थितियों में यह निर्णय लिया गया, वे साफ़ तौर पर लोकतंत्र में राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को रास्ते से हटाने की परंपरा को दोहराते हैं। गुलशन यादव की पहचान क्षेत्र […]

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साँचिया

साँचिया सिर्फ एक समाचार पोर्टल नहीं बल्कि एक ज़िम्मेदारी है – सच की ज़िम्मेदारी। जब मीडिया का बड़ा हिस्सा सत्ता के साथ खड़ा हो और मीडिया की बहसें मुद्दों से भटककर मनोरंजन में तब्दील हो रही हों तब साँचिया पूरी जिम्मेदारी से उस समाज की आवाज बनने का प्रयास कर रहा है जिसे आजादी के गलियारे में भी अपमान और वंचना का शिकार होना पड़ रहा है। तब साँचिया अपने पाठकों को उस सच्चाई से जोड़ता है जो अक्सर जानबूझकर छुपा ली जाती है।

हमारी पत्रकारिता का सरोकार उन आवाज़ों से है जिन्हें बार-बार अनसुना किया गया है। हमारी पत्रकारिता का सरोकार उन सपनों से है जो ग्रामीण भारत की धूल भरी सड़कों पर बिखरे हैं, जो किसान की सूनी आँखों में हैं,  जो श्रमिक के पसीने में हैं, और जो उस आम नागरिक के सवालों में हैं, जिनका कोई जवाब नहीं देता।

हम मानते हैं कि  सच्ची पत्रकारिता वही है जो सत्ता से सवाल करे,  जो समाज के हर हिस्से को अपने हक की आवाज बुलंद करने का मंच बने और सच्चाई को विकृत करने के बजाय, उसे गंभीर सरोकार के साथ सामने लाए। आज जब मुख्यधारा की मीडिया के लिए “सच” एक उत्पाद बन गया है, तब साँचिया सच को आवाज़ देने का मंच बनना चाहता है।

आग्रह

अगर आप मानते हैं कि पत्रकारिता को जनता की आवाज़ बनना चाहिए,
अगर आप चाहते हैं कि मीडिया समाज के दबे-कुचले वर्गों का प्रतिनिधि बने,
तो “साँचिया” के साथ आइए।

साँचिया के साथ मिलकर एक ऐसी पत्रकारिता को मज़बूत कीजिए जो न सिर्फ खबर दिखाए, बल्कि सच कहे – बिना किसी डर या दबाव के।

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