‘एक कदम गांधी के साथ’आंदोलन का छठवां दिन
वाराणसी राजघाट से दिल्ली राजघाट तक पदयात्रा
‘एक कदम गांधी पदयात्रा चौथे दिन दोपहर में भदोही पहुंची। यह जिला अमेरिका द्वारा ट्रंप प्रशासन के तहत लगाए गए टैरिफ से भारत में सबसे अधिक सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों में उभरकर सामने आया है। भारत के प्रमुख हस्तनिर्मित कालीन निर्यात केंद्र के रूप में भदोही की लगभग 60 प्रतिशत उत्पादकता अमेरिकी बाज़ार पर निर्भर है। पदयात्रियों ने जाना कि अचानक लागू हुए करीब 50 प्रतिशत टैरिफ से लाखों स्थानीय बुनकरों और कारीगरों की आजीविका प्रभावित हुई है। 10,000 करोड़ रुपये से अधिक मुख्य का कालीन डंप हो चुका है।
नागेपुर से निकलकर गोपीगंज की ओर प्रस्थान
इससे पहले पदयात्रा के चौथे दिन की शुरुआत बनारस स्थित लोक समिति आश्रम में सुबह 7 बजे सर्वधर्म प्रार्थना सभा के साथ हुई। पदयात्रियों का अगला मुख्य पड़ाव औराई, भदोही जिलें में था। यहां युग निर्माण माध्यमिक विद्यालय के साथियों द्वारा नारों के साथ पदयात्रियों का स्वागत किया। औराई में एक सभा का भी आयोजन किया गया ।
इस दौरान सभा को सम्बोधित करते हुए बंगाल की शांतिनिकेतन से आई शिक्षिका मनीषा बनर्जी ने कहा कि गांधी की मुख्य उपलब्धियाँ केवल अहिंसा और सत्याग्रह तक सीमित नहीं थीं, बल्कि उन्होंने भारत की विविधता को समेटने का भी प्रयास किया। गांधी की सर्वधर्म प्रार्थना दुनिया में एक अनोखा प्रयोग था, जिसमें उन्होंने सभी धर्मों के अच्छे मूल्यों को साथ लाने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि अपने बचपन में उन्होंने सांप्रदायिक दंगों से प्रभावित गाँवों में सर्वधर्म प्रार्थना का प्रभाव देखा था, जिससे दोनों समुदायों के बीच की नफरत घटी और संवाद बढ़ा। अंत में उन्होंने कहा कि गांधी का कोई विकल्प नहीं है, सबको उसी रास्ते पर चलना होगा।
सर्व सेवा संघ प्रकाशन के संयोजक अशोक भारत ने अपने वक्तव्य में कहा कि सत्याग्रह अन्याय के विरुद्ध अहिंसक प्रतिरोध का तरीका है। अहिंसा किसी के प्रति बैर नहीं रखती, और आज यहाँ मौजूद पदयात्री शांति की टोली हैं – यही हमारी असली सेना है। उन्होंने बताया कि अन्याय के विरुद्ध सत्याग्रह का पहला प्रयोग गांधीजी ने चंपारण में किया था। उन्होंने गांधी के जीवन से जुड़े अनेक रोचक प्रसंगों को भी साझा किया।वक्तव्य के अंत में उन्होंने कहा कि आंबेडकर ने स्पष्ट किया था कि आर्थिक और सामाजिक स्वतंत्रता के बिना राजनीतिक आज़ादी अधूरी है, लेकिन आज राजनीतिक आज़ादी भी सुरक्षित नहीं रह गई। इसलिए यह पदयात्रा नागरिकों के तीनों प्रकार की स्वतंत्रता के अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए निकाली गई है।
तमिलनाडु से आए वरिष्ठ गांधीवादी ए. आर. पलानीसामी स्वास्थ्य समस्याओं के बावजूद पूरी पदयात्रा में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि गांधी का एक कदम करोड़ों लोगों का कदम बन गया। आगे बताया कि गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में तमिल भाषा सीखी थी और बच्चों को तमिल पढ़ाया भी करते थे। उन्होंने गांधी से जुड़े कई प्रसंग साझा किए, जिन्होंने उनके जीवन को गहराई से प्रभावित किया। उन्होंने कहा कि वे इस पदयात्रा के माध्यम से सब से सीखने आए हैं और अपने राज्य में भी गांधी विचारों का व्यापक प्रसार करना चाहते हैं। उन्होंने तमिलनाडु में सभी का स्वागत करने और हर संभव मदद करने की बात भी कही।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र पीयूष ने बताया कि पिछले दस वर्षों से बनारस को स्मार्ट सिटी बनाने की योजना चल रही है, लेकिन वहाँ की वास्तविक स्थिति से सभी वाकिफ हैं। उन्होंने भदोही में अमेरिका द्वारा टैरिफ से स्थानीय उद्योग पर प्रभाव को विस्तार से साझा किया ।
औराई में सभा के बाद पदयात्री औराई से गोपीगंज के लिए प्रस्थान किए । इस दौरान कई पड़ावों पर स्थानीय लोगों द्वारा पदयात्रियों के लिए जलपान की व्यवस्था को गई। रात 7 बजे पदयात्री गोपीगंज, भदोही पहुंचे जहां पर रात्रि विश्राम किया गया ।
15 राज्यों के पदयात्री शामिल
इस यात्रा में देश के 15 राज्यों — तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, असम, मध्य प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल — से पदयात्री और सहयोगी शामिल हैं।
प्रमुख प्रतिभागियों में शामिल रहे:
भूपेश भूषण (युवा प्रकोष्ठ संयोजक), मिहिर प्रताप दास (उड़ीसा सर्वोदय मंडल अध्यक्ष), नंदलाल मास्टर (पदयात्रा आयोजन समिति संयोजक), श्यामधर तिवारी (सत्यमेव जयते), सतीश मराठा (हरियाणा), सरिता बहन (विनोबा आश्रम, गागोदा), सचिन (राष्ट्रीय युवा संगठन), पवित्रन (सर्वोदय मंडल कोषाध्यक्ष), दिवाकर,ए. आर. पलानीसामी, श्रीनिवासन (तमिलनाडु), खादर बैग (तेलंगाना), , डॉ सुखचंद्र झा, गौरव सिंह, अंकुर शाश्वत ( झारखंड ), जीतेन नंदी, मनीषा बनर्जी, काजल मुखर्जी (पश्चिम बंगाल), विद्याधर, जोखन यादव, सिस्टर फ्लोरीन, निधि, सिराज अहमद, अंतर्यामी बरल, जगदीश कुमार (पूर्व प्रदेश संयोजक, राजस्थान), संजय (जय किसान आंदोलन), टी. के. सिन्हा, अनोखेलाल किसान नेता चौधरी राजेंद्र , संजय कुमार, राबिया बेगम, गौरव पुरोहित, प्रियेश पांडे, विवेक यादव, विवेक मिश्रा, सौरभ त्रिपाठी, इंदु पांडे, आसमा आदिवासी, दिवाकर सिंह, विकास कुमार, ईश्वरचंद्र (सामाजिक कार्यकर्ता), भोपाल सर्वोदय मंडल के सचिव अंकित मिश्रा और मोहन दीक्षित , विदिशा से राजित द्विवेदी , रामधीरज (उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल अध्यक्ष), अरविंद कुशवाह और अरविंद अंजुम (सर्व सेवा संघ मंत्री) आदि।
लोक समिति नागेपुर से अनीता, सोनी, आशा राय आदि भी शामिल हुए।

