आज़मगढ़। जिले में जन्म पंजीकरण की प्रक्रिया में व्याप्त जटिलताओं और अव्यवस्था को लेकर आज मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और किसान नेताओं ने जिलाधिकारी आज़मगढ़ को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में जन्म पंजीकरण की प्रक्रिया को पारदर्शी, सरल और नागरिकों के मौलिक अधिकारों के अनुरूप बनाने की माँग की गई।
कार्यकर्ताओं का कहना है कि मौजूदा व्यवस्था में गरीब और ग्रामीण परिवारों को जन्म प्रमाणपत्र बनवाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। एक ही माता-पिता की अनेक संतानों के लिए अलग-अलग शपथ-पत्र की अनिवार्यता, एक वर्ष से अधिक पुराने जन्मों के लिए अस्पष्ट प्रक्रिया, तथा घर या अपंजीकृत नर्सिंग होम में जन्मे बच्चों के पंजीकरण में आने वाली बाधाएँ गरीब नागरिकों के अधिकारों का हनन कर रही हैं।
मानवाधिकार कार्यकर्ता तारिक़ शफ़ीक़ ने कहा “जन्म प्रमाणपत्र हर नागरिक का मूल अधिकार है। प्रशासनिक जटिलताओं के कारण गरीब तबके के बच्चे अपनी पहचान से वंचित रह रहे हैं। सरकार को चाहिए कि जन्म पंजीकरण की प्रक्रिया को पारदर्शी और समान रूप से लागू करने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करे।”
मानवाधिकार कार्यकर्ता मोहम्मद अकरम ने कहा “गैर-संस्थागत जन्मों के लिए दाई, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता या दो गवाहों के प्रमाण को वैध मान्यता दी जानी चाहिए, ताकि ग्रामीण और वंचित परिवारों को राहत मिल सके।”
किसान नेता राजीव यादव ने कहा “जब तक प्रशासन गरीबों की पहुँच में आने वाली व्यवस्था नहीं बनाता, तब तक सामाजिक न्याय अधूरा रहेगा। जन्म पंजीकरण को लेकर स्पष्ट नीति जरूरी है।”
किसान नेता वीरेंद्र यादव ने कहा “एक ही परिवार के कई बच्चों के लिए अलग-अलग शपथ-पत्र बनवाना न तो व्यावहारिक है और न ही न्यायसंगत। इसे तत्काल समाप्त किया जाना चाहिए।”
किसान नेता विनोद यादव ने कहा “गाँवों में अधिकतर प्रसव घर पर या छोटे क्लीनिकों में होते हैं, इसलिए ऐसी परिस्थितियों के लिए अलग और सरल प्रक्रिया बनाई जानी चाहिए।”
किसान नेता अवधेश यादव ने भी कहा कि प्रशासन को आम नागरिकों के हित में इस मुद्दे पर त्वरित और संवेदनशील कदम उठाने चाहिए।
ज्ञापन में प्रमुख माँगें की गई हैं —
- एकीकृत शपथ-पत्र प्रणाली लागू की जाए।
- एक वर्ष से अधिक पुराने जन्मों के लिए स्पष्ट और पारदर्शी दिशा-निर्देश जारी हों।
- गैर-संस्थागत जन्मों के लिए मान्यता प्राप्त वैकल्पिक प्रमाण प्रणाली सुनिश्चित की जाए।
ज्ञापन सौंपने वालों में तारिक़ शफ़ीक़, मोहम्मद अकरम, राजीव यादव, वीरेंद्र यादव, विनोद यादव और अवधेश यादव शामिल रहे।
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