वाराणसी। सर्व सेवा संघ पर हुई बुलडोजर कार्रवाई के बाद गांधी की धरोहर और विचारों को बचाने की मुहिम के तहत गांधीवादियों ने आज गांधी जयंती के अवसर पर वाराणसी से दिल्ली तक की ऐतिहासिक पदयात्रा शुरू की। ‘एक कदम गांधी के साथ’ नाम से निकली यह यात्रा 56 दिनों में 26 नवम्बर को नई दिल्ली स्थित राजघाट पहुंचेगी।
हालांकि, प्रशासन ने दशहरा, कानून-व्यवस्था और अनुमति का हवाला देकर यात्रा को रोकने की कोशिश की। पुलिस की भारी तैनाती रही और शुरू में पदयात्रा पर रोक लगा दी गई। लेकिन गांधीवादियों के दबाव और आग्रह के बाद प्रशासन ने छोटे-छोटे जत्थों में आगे बढ़ने की अनुमति दी।

देशभर के 21 राज्यों और 16 प्रांतों से आए 75 से अधिक पदयात्रियों ने गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर यात्रा की शुरुआत की। पहला पड़ाव तेलियाबाग पर हुआ, जहाँ सभा आयोजित की गई। सभा में वक्ताओं ने गांधी के विचारों और मूल्यों की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया।
समाजवादी नेता और शिक्षक सभा के राष्ट्रीय सचिव संजय सोनकर ने कहा, “गांधी की धरोहर और मूल्यों को बचाने के लिए जो भी संभव होगा, हम करेंगे।”
वरिष्ठ पत्रकार और लेखक कुमार विजय ने कहा कि गांधी के विचारों को कोई दबा नहीं सकता, पूरी दुनिया आज भी उनके दर्शन की कायल है।
पत्रकार राहुल यादव ने अपने वक्तव्य में कहा, “जब-जब गांधी के विचारों को कुचलने का प्रयास किया जाएगा, मैं अपनी कलम से शासन-प्रशासन के नापाक इरादों को उजागर करूंगा।”
इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार सुरेश प्रताप, पूर्व एमएलसी अरविन्द सिंह, किसान नेता रामजनम, किसान नेता राजनीति यादव सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
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राहुल यादव ‘साँचिया – सच की आवाज’ के सह संपादक हैं।