मिर्जामुराद। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार के अवसर पर आशा ट्रस्ट और लोक समिति के तत्वावधान में मौलिक अधिकारों के संरक्षण की मांग को लेकर हजारों छात्र छात्राओं और ग्रामीणों ने बेनीपुर बाजार में मानव श्रृंखला बनाई। बेनीपुर मुख्य बाजार से कल्लीपुर तक दोनों किनारों पर एक किलोमीटर खड़े होकर लोगों ने चुप नही रहना है हिंसा नही सहना है, बाल विवाह बंद करो, महिला हिंसा बन्द करो, दहेज प्रथा पर रोक लगाओ यौन हिंसा पर रोक लगाओ आदि नारे लगाकर जोरदार प्रदर्शन किया।
इस अवसर पर लोक समिति संयोजक नंदलाल मास्टर ने कहा कि गरीबों, दलितों और महिलाओं के विरुद्ध हो रही हिंसा की बात करना जरूरी है, शोषण,अन्याय ,जुल्म,गैर बराबरी के खिलाफ खड़े होकर हम सबको मिलकर इसको दूर करना है। हिंसा एक छोटा शब्द है, परंतु इसका अर्थ और प्रभाव व्यापक है। महिलाओं, मजदूरों के विरुद्ध हिंसा समाप्त करने के लिए हम सबको मिलकर आगे आना है। हमें विभिन्न कानूनों की जानकारी होनी चाहिए।
दिहाड़ी मजदूर संगठन के संयोजक रामबचन ने कहा कि पुलिस थाने में लाये गए व्यक्ति के साथ पुलिस मारपीट कर अमानवीय बर्ताव नही कर सकती है। किसी व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार किया गया तो पुलिस को उसकी गिरफ्तारी के बारे में बताना होगा, किसी को जबरन नही पकड़ा जा सकता है और गिरफ्तार किये गए व्यक्ति को 24 घण्टे के अंदर सक्षम कोर्ट में पेश करना होगा।
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गिरफ्तार व्यक्ति को अपने परिचित से या टेलीफोन पर बात करने की सुविधा दी जायेगी , किसी व्यक्ति के साथ पूंछतांछ करते समय पुलिस कर्मी को अपनी वर्दी ओर नेमप्लेट लगाकर ही पूंछतांछ करनी होगी और किसी महिला को पुलिस थाने में अकारण नही रोका जा सकता है।
इन तमाम बातों को लेकर जागरूक किया गया। कार्यक्रम में मां कंचन देवी जूनियर हाई स्कूल, भारतीय शिक्षा निकेतन, परम हंस स्कूल, आशा सामाजिक स्कूल के बच्चे किशोरी सिलाई प्रशिक्षण केंद्र नागेपुर व बेनीपुर की किशोरी लड़कियां और गाँव के महिला स्वयं सहायता समूह की सैकड़ों महिलाओं ने भागीदारी किया।
इस अवसर पर धीरेन्द्र प्रताप, विजेंद्र प्रताप, पुष्पेंद्र प्रताप नंदलाल मास्टर, रामबचन,अनीता, सुनीता वर्मा, अब्दुल रहमान, राजकुमार मौर्य, रुखसाना बानो, अरविंद, संगीता सोनी ,आशा, मनीषा,मधुबाला,सुनील मास्टर, श्यामसुन्दर, मधुबाला, सीमा, मनीष, शिवकुमार आदि लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का नेतृत्व लोक समिति संयोजक नंदलाल मास्टर और संचालन राम बचन ने किया।

राहुल यादव ‘साँचिया – सच की आवाज’ के सह संपादक हैं।

