ऑपरेशन सिंदूर : एक पूर्व-सुनिश्चित नाकामी का रोजनामचा

राजेंद्र शर्मा जैसा कि आसानी से अनुमान लगाया जा सकता था, ऑपरेशन सिंदूर के अचानक पटाक्षेप के बाद, उसे ‘कामयाब’ साबित करने की विभिन्न स्तरों पर कोशिशें शुरू हो गयी हैं। बेशक, खुद प्रधानमंत्री ही नहीं, उनके बाद दूसरे-तीसरे नंबर के दावेदार राजनीतिक नेताओं ने भी, पहले चरण में चुप रह कर, इसके जबर्दस्त प्रयास […]

Continue Reading

इसे कहते हैं सेना को युद्ध की भट्टी में झोंकना!

संजय पराते जब बिना किसी सुविचारित नीति के चुनाव को नजर में रखकर युद्धोन्माद फैलाया जाता है और फिर जनता को संतुष्ट करने और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को मजबूत करने के लिए युद्ध की ‘रचना’ की जाती है, तो उसका वही हश्र होता है, जो कल हमें दिखा। पहलगाम में आतंकी हमले के बाद पूरे देश […]

Continue Reading
people becoming victims of terrorism

हुए तुम दोस्त जिसके, दुश्मन उसका आसमाँ क्यूँ हो!!

बादल सरोज पिछले दस-आठ दिन जितने विरले घट-अघट इस देश और दुनिया ने देखे हैं, उतने इससे पहले कम ही देखे गए हैं, एक के बाद एक साथ तो पहले कभी भी नहीं देखे। पहला अघट 22 अप्रैल को भारत का स्विटज़रलैंड बताये जाने वाले कश्मीर के पहलगाम में घटा, जब मुट्ठी भर आतंकी आये, […]

Continue Reading

पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए लोगों को काशी में दी गई श्रद्धांजलि

कैंडिल मार्च में शामिल हुई छात्राएं , लोगों ने जताया शोक वाराणसी। पहलगाम (कश्मीर) में निर्दोष हिंदू सैलानियों की निर्मम सामूहिक हत्या में मृत आत्माओं को शांति प्रदान करने के लिए रविवार सायं 6.00 बजे दत्तोपंत ठेंगड़ी अखिल भारतीय आत्मनिर्भर समिति” , एवं अपाला वनवासी कन्या छात्रावास पिशाचमोचन की छात्राओं द्वारा पिशाच मोचन पोखरा पर […]

Continue Reading