हिंदुत्व के दर्शन में ही समाहित है नस्लीय और लैंगिक घृणा

संजय पराते संघी गिरोह का हिटलरी राष्ट्रवाद! हमारे राष्ट्रगान के रचयिता कविवर रविंद्रनाथ ठाकुर (टैगोर) ने एक बार कहा था — “नेता जब अपने दल का झंडा पकड़कर गांव और शहर की गलियों में घुस नहीं पाता, तब अपने हाथों में राष्ट्र का झंडा पकड़ लेता है, ताकि जनता उसे ही राष्ट्र समझने की गलती […]

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You will soon feel ashamed to speak English

शर्म तो ज्ञान पर आएगी, न कि अंग्रेज़ी पर!

अरुण माहेश्वरी 19 जून के ‘टेलिग्राफ’ के अनुसार अमित शाह ने कहा है कि लोग अंग्रेज़ी बोलने से जल्द ही शर्म करेंगे ; अर्थात् हमारे अनुसार, लोग अपने ज्ञान और प्रश्न उठाने की क्षमता पर शर्म करेंगे! हम उनके इस कथन को एक तानाशाह के ‘आज्ञापालक समाज’ के गठन का सपना कहेंगे। ‘आज्ञापालक समाज’ एक […]

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BJP government and democracy

लोकतंत्र का गला घोंटने पर आमादा भाजपा सरकारें

बादल सरोज भारत को दुनिया के लोकतंत्र की माँ बताते हुए, असहमतियों का सम्मान करने का दावा करते हुए गाल कितने भी बजाये जाएँ, मगर असलियत में तानाशाही के पैने नाखून संविधान के साथ-साथ उसमें दिए बुनियादी जनतांत्रिक अधिकारों को तार-तार कर देने की जिद ठाने बैठे है। फिल्म हो या यूट्यूब के चैनल, सभा, […]

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