एक कदम गांधी के साथ पदयात्रियों को आगरा के लोगों ने भेंट की सवा लाख का प्रतिकात्मक गुल्लक

आंदोलन राष्ट्रीय

‘एक कदम गांधी के साथ’ पदयात्रा के बयालीसवें दिन आगरा पहुंची। आगरा के अचल भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अचल ट्रस्ट एवं निहाल सिंह फाउंडेशन द्वारा यात्रा का स्वागत किया गया, जो इस आयोजन में मुख्य भूमिका निभा रहे थे।

कार्यक्रम की शुरुआत में नंदलाल मास्टर ने गीत प्रस्तुत किया -“आ चल के तुझे मैं ले के चलूँ।”

इस दौरान अपने वक्तव्य में मनोरमा शर्मा ने कहा कि यह सरकार देश को कुछ गिने-चुने लोगों की मुट्ठी में रखने की बात करती है, जबकि यह देश सभी धर्मों और संप्रदायों का है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए। इसी भावना के लिए गांधीजन बनारस से दिल्ली तक की पदयात्रा कर रहे हैं।

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अमित सिंह ने कहा कि आज़ादी के समय आगरा क्रांतिकारियों का गढ़ रहा है ।  यह शहर क्रांति की भूमि है। यह पदयात्रा भी उसी क्रांतिकारी परंपरा की वाहक है। वर्तमान सरकार बनारस स्थित सर्व सेवा संघ के आश्रम को बुलडोज़ करती है और जहाँ भी गांधी या अम्बेडकर की प्रतिमाएँ हैं, उन्हें हटाने का प्रयास करती है। इसे हर संभव प्रयास से रोकना होगा।

नंदलाल मास्टर ने कहा कि जो लोग गांधी का विरोध करते हैं, वही विदेश जाकर उन्हीं के सामने नतमस्तक होते हैं। जी-20 सम्मेलन में जब विश्व के प्रतिनिधि भारत आए, तो सबसे पहले गांधी समाधि पर गए। गांधी वह व्यक्तित्व हैं, जिन्हें जितना मिटाने की कोशिश की जाएगी, वे उतनी ही बार झूठ के अंधेरे में प्रकाश बनकर लौटेंगे।

अरविंद अंजुम, सर्व सेवा संघ मंत्री, ने कहा कि सच को साहस के साथ कहने के लिए ही इस पदयात्रा का आयोजन किया गया है।

सोमनाथ रोडे ने कहा कि इस डर के माहौल में यह 1000 किलोमीटर की यात्रा एक नया मोड़ देगी। यह यात्रा आख़िरी नहीं है । इसके हर गीत और नारे गाँव, मोहल्लों और शहरों में गूंजने चाहिए, ताकि यह सिलसिला चलता रहे।

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संजीव श्रीवास्तव ने कहा कि भारत का संविधान केवल नागरिकों को मज़बूत नहीं बनाता, बल्कि उनके अधिकारों की रक्षा भी करता है। वर्तमान सरकार न केवल गांधी का विरोध कर रही है, बल्कि उन क्रांतिकारियों का भी चरित्र हनन कर रही है जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए बलिदान दिया।

राम धीरज ने कहा कि इस सरकार ने पहले गांधी विद्यापीठ, फिर साबरमती आश्रम और अब सर्व सेवा संघ आश्रम, राजघाट बनारस पर कब्जा किया और उस पर बुलडोज़र चलवाया। निडरता के लिए परिस्थितियों से जूझने का नाम गांधी है।

सर्व सेवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंदन पाल ने कहा कि हमारा उद्देश्य देश में सद्भावना जागृत करना है। सड़क के दोनों ओर शराब की दुकानें खुली हुई हैं । क्या यही इस सरकार का विकास है? हम ऐसे विकास के लिए आज़ाद नहीं हुए थे। हमारे विकास का पैमाना रोटी, कपड़ा और मकान था — जो अब तक पूरा नहीं हुआ।

चंद्रमोहन पाराशर ने आगरा वासियों की ओर से सवा लाख रुपये का गुल्लक प्रतीक रूप में यात्रा को भेंट किया। यह भेंट मनोज वोटा, मनोरमा सिंह और अवधेश यादव की ओर से दी गई। राम धीरज ने कहा, “मैं आगरा सर्वोदय के लोगों का धन्यवाद करता हूँ जिन्होंने यह राशि यात्रा को भेंट की – यह अत्यंत प्रेरणादायक योगदान है।”

कार्यक्रम की अध्यक्षता शशि शिरोमणी ने की। उन्होंने कहा, “आँखें खोलीं तो ऐसा लगा जैसे साक्षात गांधी को देख लिया। मेरे पिताजी ने विनोबा भावे के भूदान आंदोलन में 500 एकड़ ज़मीन दान की थी। आगरा हमेशा से क्रांतिकारी रहा है। सरकार इस कड़ी को तोड़ना चाहती है, लेकिन हमें परिस्थितियों का सामना डटकर करना चाहिए।”

कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख व्यक्तित्व थे – मनु शर्मा, लता शर्मा, अनिल सिंह, पी. सी. नरवर, वाजिद अली, विनय गौतम, राजेंद्र सिंह, जावेद हबीब, सुनील कुमार, राजेंद्र अग्रवाल और मनोज जैन।

यात्रा में शामिल प्रमुख प्रतिभागियों में चंदन पाल, राम धीरज, अरविंद अंजुम, भूपेश भूषण, सोमनाथ रोडे, सतीश मराठा, आसमा, विद्याधर मास्टर, श्यामधर तिवारी, जगदीश कुमार, विकास, मानिकचंद, जोखन यादव, सरिता बहन, सिस्टर फ्लोरीन, अलीभा, अंतर्यामी बराल, सौरभ, फूल बाई, विनोद, प्रीति, रेनू, उमेश, सोनी, नंदलाल मास्टर, सूर्योगी, निधि, विवेक मिश्र, बृजेश, टैन, सचिन, अर्जुन, हिमेंद्र, दीक्षा, प्रवीण, ज्योति, सपना, पूजा, प्रियंका, नेहा, आरती, मुस्तफा, पूनम, साधना, अश्मित भाई, दीपक राज, आसिफ पठान, साहिल पठान, संजीव, अनुप्रिया, नीता, पूजा, आंचल, हेमलता, संध्या प्रमुख रहे। कार्यक्रम का संचालन हरीश चिमटी ने किया।

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