आचार्य श्री विवेकदास जी से भक्तों ने लिया आशीर्वाद
कबीर मठ मूलगादी वाराणसी में आज गुरु पूजा महोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर हजारों की संख्या में भक्तों ने कबीर मठ का दर्शन किया। सुबह 7:00 बजे से ही कबीर मठ में भक्तों का रेला शुरू हो गया और शाम 5:00 बजे तक उनका आना-जाना लगा रहा। मठ परिसर में भक्त, आचार्य श्री विवेक दास जी के दर्शन पूजन में व्यस्त दिखे।
इस अवसर पर मठ के महंत आचार्य श्री विवेकदास जी ने भक्तों को गुरु के महत्व को समझाया। कबीर की तीन साखियों की लंबी-लंबी व्याख्या से भक्तों को भाव विभोर कर दिया। आचार्य श्री विवेक दास जी ने कबीर की साखी गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागूं पाय। बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो बताए के बारे में कहा कि बाद के गुरुओं ने इसकी गलत व्याख्या की। गुरुओं ने स्वयं को श्रेष्ट साबित कर लोगों से पाँव पूजवाया, अपनी पूजा करवाई। जबकि वास्तव में गुरु तो एक मात्र साधन था ईश्वर को प्राप्त करने का। यहां पर गुरु साधन है और भगवान साध्य लेकिन आज लोग साधन को छोड़ साध्य को ही साधने में लगे हुए हैं।
आचार्य श्री विवेक दास जी ने आगे कहा कबीर साहब एक वैज्ञानिक सोच वाले संत थे। कबीर साहब की साखी वैज्ञानिक संदर्भों से भरी पड़ी हुई है। बाद के गुरुओं ने कबीर के विचारों की उनके साखियों की गलत व्याख्या की। उसे दूसरे रूप में प्रस्तुत किया।
कबीर के विचार आज भी भारतीय समाज को एक नई दृष्टि देने का काम कर रहे हैं।
गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर कबीर मठ में आयोजित गुरु पूजा महोत्सव में दूर -दराज के राज्यों झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब के साथ ही उत्तर प्रदेश से बड़ी संख्या में भक्तों ने कबीर मठ में दर्शन पूजन किया।
इस दौरान मठ में भंडारे का भी आयोजन किया गया था। मठ में आने वाले भक्त भंडारे से प्रसाद ग्रहण कर हंसी-खुशी घर को जाते हुए भी दिखाई दिए।
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राहुल यादव ‘साँचिया – सच की आवाज’ के सह संपादक हैं।