वाराणसी | देश में सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून लागू हुए बीस वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में ग्राम भंदहा कला में सामाजिक संस्था आशा ट्रस्ट एवं सूचना का अधिकार अभियान के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला में प्रतिभागियों को विभिन्न समस्याओं के निराकरण एवं प्रशासनिक तंत्र में पारदर्शिता लाने के लिए सूचना के अधिकार के सकारात्मक उपयोग के प्रति प्रेरित किया गया।
मुख्य वक्ता सामाजिक कार्यकर्ता वल्लभाचार्य पाण्डेय ने कहा कि सूचना का अधिकार कानून अब अपने युवावस्था के चरण में है और इसे और अधिक सशक्त बनाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकारी सहायता, अनुदान या छूट प्राप्त करने वाली सभी संस्थाएँ — चाहे वे राजनीतिक दल, सामाजिक संगठन, धार्मिक संस्थाएँ, औद्योगिक घराने या चिकित्सा संस्थान हों, उन्हें भी आरटीआई के दायरे में लाया जाना चाहिए। इससे जनता के टैक्स के पैसों के उपयोग में पारदर्शिता बढ़ेगी और जवाबदेही सुनिश्चित होगी।
वरिष्ठ सूचनाधिकार कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने कहा कि समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार को रोकने के लिए आम नागरिकों को जागरूक होना होगा और अपने अधिकारों का सकारात्मक प्रयोग करना होगा। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे विभिन्न ऑनलाइन पोर्टलों के माध्यम से शिकायतें और सुझाव दर्ज करने की आदत विकसित करें ताकि शासन-प्रशासन तक सीधे जनसमस्याएँ पहुँच सकें।
कार्यशाला के दौरान आशा लाइब्रेरी की छात्राओं ने सूचना के अधिकार के तहत आवेदन लिखना और भेजना भी सीखा।
कार्यक्रम में स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता, छात्र-छात्राएँ एवं ग्रामीणजन बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
