वाराणसी। संघ प्रमुख मोहन भागवत को कुंभ के जल से नहलाने के लिए आयोजित कार्यक्रम के दौरान धरना प्रदर्शन और सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने के मामले में दो आरोपितों को कोर्ट से राहत मिल गई। प्रभारी अपर जिला जज (अष्टम) विनोद कुमार की अदालत ने एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष ऋषभ पाण्डेय और युवा कांग्रेस के सचिव अनुपम राय को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने की दशा में एक-एक लाख रुपए की दो जमानतें एवं बंधपत्र देने पर अग्रिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से फौजदारी के अधिवक्ता विकास सिंह ने पक्ष रखा।
अभियोजन पक्ष के अनुसार चौकी प्रभारी काशी विद्यापीठ विकल शाण्डिल्य मुख्यमंत्री उतर प्रदेश के वाराणसी आगमन पर सुरक्षा एवं रुट व्यवस्था ड्यूटी पर मौजूद थे। उसी दौरान उन्हें सूचना मिली की 20-25 की संख्या में लोग काशी विद्यापीठ के गेट न.01 से निकलकर हाथ में गंगाजल व संघ प्रमुख मोहन भागवत की तस्वीर लेकर नारेबाजी करते हुए साजन तिराहे की तरफ आ रहे है।

इस सूचना पर चौकी प्रभारी पुलिस टीम के साथ तत्काल वीर बाबा मन्दिर चन्दुआ के पास पहुंचे तो रिषभ पाण्डेय, अनुपम राय, विकास सिंह व अनिरुध्द सिंह अपने 20 के करीब अन्य साथियों के साथ हाथ मे संघ प्रमुख मोहन भागवत की तस्वीर व गंगाजल लेकर नारेबाजी करते हुए साजन तिराहे की ओर बढ़ रहे थे।
अनाधिकृत तरीके से निकाले जा रहे जुलूस को पुलिस वालों ने वीर बाबा मंदिर चन्दुआ के पास रोकने की कोशिश किए और समझाने लगे तो ये लोग नहीं माने और पुलिस वालों के साथ झड़प करने लगे। साथ ही साजन तिराहे के तरफ जाने वाले मुख्य मार्ग को बाधित कर दिए। जिससे मुख्य मार्ग से आने-जाने वाली आवश्यक वस्तु, बच्चे, महिलाएं व एम्बुलेन्स काफी देर तक फंसी रही। जिन्हें किसी तरीके से मुख्य मार्ग से हटाया गया और यातायात को सुचारु रुप से संचालित किया गया। जिसके बाद सिगरा थाने में उपरोक्त सभी आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था।
इसी मामले में दोनों आरोपियों ने कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दी थी।
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